सुदामा तेरे द्वार पे खड़ा है दिल थाम के,
सुनो दरवान रे बता दो घनश्याम से,
सुदामा तेरे द्वार पे खड़ा है दिल थाम के
अर्जी हमारी जरा कान्हा को पौंछा दो,
नाम सुदामा मेरा ये भी बतला दो,
न धन है ना माल है,
गरीबी से बेहाल है,
सुदामा तेरे द्वार पे खड़ा है दिल थाम के
अर्जी को सुनते कान्हा भागे भागे आये,
गले से लगाया सुदामा चरण दबाएँ,
हुकम भी हैरान है जे कैसा मेहमान है,
सुदामा तेरे द्वार पे खड़ा है दिल थाम के
भगये जगाये भगवान महल बन वा दिए,
गरीब सुशीला को थे गेहने पहना दिये,
अजब तेरी माया है समज न कोई पाया है,
सुदामा तेरे द्वार पे खड़ा है दिल थाम के