मैं अब ना घोटु भांग तेरी अपने पीहर को जाऊगी,
ना तेरे भगल में आउंगी,
तुझको न मेरा ध्यान कति दुःख पावे तेरी पार्वती,
करे नशा बिगड़ रही तेरी मति तेरी अक्ल ठिकाने लाऊंगी,
ना तेरे भगल में आउंगी............
तुझको कहते भोला भाला पर बना पेट का काला,
मेरा दुख पावे गणपत लाला अब चाहे नहीं रुलाओगी,
ना तेरे भगल में आउंगी,.......
तेरे कुण्डी सोटा फोहड़ू गी ना हाथ तेरे अब जोडू गी,
तेरे से नाता तोडू गी अब बिलकुल नहीं मनाऊंगी,
ना तेरे भगल में आउंगी,..............
हारे राम बेंसला समजावे तेरी पारो पीहर जावे,
तेरे भजन शुशीला नित गावे मैं विवा के संग गाऊगी,
ना तेरे भगल में आउंगी,