बजरंगी के प्यार मै कही पागल ना हो जाऊ

बजरंगी के प्यार मै कही पागल ना हो जाऊ

सिर सोहने का मुकट विराजे,
गल मोतियाँ की माला साजे,
इस की माला को देख के,
कही पागल न हो जाऊ,

पाव में पजनिया छम छम बजे,
भगता के संग छम छम नाचे,
इस की छम छम को देखके कही पागल न हो जाऊ,
इस बजरंगी के प्यार मै कही पागल ना हो जाऊ,

एक हाथ में गधा विराजे दूजे हाथ में पर्वत साजे,
इसके पर्वत तो देखके कही पागल न हो जाऊ,
बजरंगी के प्यार मै कही पागल ना हो जाऊ

download bhajan lyrics (1473 downloads)