जीनी जीनी उड़े रे गुलाल, बाबा थारा मेला में,
भगता री भीड़ अपार रूणिचा रा मेला में ....
गांव रूणिचा आप पधारिया, अजमल जी रा भाग जगाया,
दरसन आवे नर नार रूणिचा रा मेला में.....
भादवा बीज रो मेलो यो भरसी, दुनिया थारे द्वारे हरषि, भीड़ पड़े थारे आज रूणिचा रा मेला में......
दूर देशो रा आवे हे जातरी, पेडल पेडल बोले हे जातरी,
ध्वजा ले आवे थारे बाहर, रूणिचा रा मेला में......
आंधा ने बाबा आंख्या देवो, बांजड ने बाबा पूत थे देवो,
कोड़ी रो कलंक कटाये रूणिचा रा मेला में......
हरजी भाटी थारे चवर ढुलाया, धरम तंवर थारा भजन सुनाया,
गावे बजावे थारे द्वार रूणिचा रा मेला में.....