मन्ने चरणो का दास बना ले री,
हे री चुनरी के ओढ़ण वाली,
मन्ने चरणों का दास बना ले री,
हे री चुनरी के ओढ़ण वाली.....
गहरी नदिया नाँव पुरानी,
केवट इसका है नादानी,
परले पार लगादे री,
हरी चुनरी के ओढ़ण वाली,
मन्ने चरणों का दास बना ले री,
हे री चुनरी के ओढ़ण वाली…..
सर पे है ये गठरी भारी,
चलत चलत घिर आई अंधियारी,
पैरों में पड़ गए छाले री हे री,
हरी चुनरी के ओढ़ण वाली,
मन्ने चरणों का दास बना ले री,
हे री चुनरी के ओढ़ण वाली…..
ठंडी ठंडी हवा चलत है,
भगत तेरा उसमें डोलत है,
आँचल बीच छुपा ले री,
हरी चुनरी के ओढ़ण वाली,
मन्ने चरणों का दास बना ले री,
हे री चुनरी के ओढ़ण वाली…..
मेरी मैया का यही पता है,
जम्मू में तेरा भवन बना है,
खुले खुले दर्शन दे दे री हे री,
हरी चुनरी के ओढ़न वाली,
मन्ने चरणों का दास बना ले री,
हे री चुनरी के ओढ़ण वाली……