जय माता दी, जय माता दी, सारे बोलो जय माता दी ।
तेरे सदके तू भेज दे दुलावा, दोनों हाथ जोड़ के मैं आऊं शेरा वालिये ।
मांगू और क्या मैं इस के इलावा, छोड़ के ना दर तेरा जाऊं शेरा वालिये ॥
धरती क्या आकाश है क्या सब तेरे इशारों से चलते हैं ।
चाँद सितारों के दीपक भी तेरे नूर से ही चलते हैं ।
हम बन्दों की हस्ती क्या है, तेरी दया पर ही पलते हैं ।
शेरां वाली, महरा वाली, ज्योतां वाली, लाटा वाली ॥
रोता आये, हस्ता जाए, तेरे दर की रीत यही है ।
नित नित तेरे दर्शन करना, हम भक्तो की प्रीत यही है ।
जिस को चाहे उसको बुलाये, मैया तेरी रीत यही है ।
शेरां वाली, महरा वाली, ज्योतां वाली, लाटा वाली ॥