भोले तेरा ठिकाना किस से पूछू कोई बताए ना,
दर-दर भटकूँ, किस दिशा जाऊं? समझ में आए ना,
भोले तेरा ठिकाना किसे पूछूं कोई बताए ना,
प्रभु तेरा ठिकाना किससे पूछो कोई बताए ना……..
हे कैलाशी पर्वतवासी,
तू है अजर अमर अविनाशी,
कोई बता दे उनका पता दे,
क्यों पास बुलाये ना,
भोले तेरा ठिकाना किससे पूछूं कोई बताए ना,
प्रभु तेरा ठिकाना किससे पूछुं कोई बताएं ना….
मंदिर मंदिर घूम रहा हूँ,
जगह जगह ढूंढ रहा हूँ,
दर्शन को तरसे है अखियाँ,
दर्द को मेरे समझ पाए ना,
भोले तेरा ठिकाना किसे पूछूं कोई बताए ना,
प्रभु तेरा ठिकाना किससे पूछुं कोई बताए ना....
हर जीवों में है तेरी ही काया,
तीनों लोक में है तेरी ही छाया,
हर दिल में बसते हो तुम,
क्यों हम समझ पाएं ना,
भोले तेरा ठिकाना किसे पूछूं कोई बताए ना,
प्रभु तेरा ठिकाना किससे पूछो कोई बताए ना…