महाकाली आरी रे ...... ओ काली केश विकराल,
हाथ में कटारी रे ओ डट रे संकट थोड़ी देर,
महाकाली आरी रे....
जब तक माँ मेरे साथ में तू कुछ न बिगाड़ पायेगा,
मेरे पीछे जोर जमावे उसके आगे हार जायेगा,
खप्पर धारी रे डट रे संकट.......
जो शक्ति से अनजान तू , थने महिमा आज बताऊ मैं,
शुम्भ निशुम्भ मारन वाली, महाकाली से मिलवाउ मैं,
रक्त पीवणनारी रे डट रे संकट.......
माँ राक्षश ने संगार के पहने मुंडो की माला रे,
जब लगे ललकार हे उसकी लगे जुबा पर ताला रे,
क्रोध में आरी रे ओ डट संकट.......
महाकाली की बड़ी लाडली, महिमा करिश्मा गावे है,
तेरा धर्म भगत भी कहता तेरे बिना रहा न जावे है,
मिलण आरी रे ओ डट संकट.......