बंसी बजा के श्याम ने, दीवाना बना दिया,
अपना बना के श्याम ने, दीवाना बना दिया......
एक रात थी अंधेरी बागो मे थी अकेली,
डाली झुका के श्याम ने दीवाना बना दिया,
बंसी बजा के श्याम ने, दीवाना बना दिया,
अपना बना के श्याम ने, दीवाना बना दिया.....
एक रात थी अंधेरी तालों मे थी अकेली,
साड़ी चुरा के श्याम ने दीवाना बना दिया,
बंसी बजा के श्याम ने, दीवाना बना दिया,
अपना बना के श्याम ने, दीवाना बना दिया.......
एक रात थी अंधेरी कुओ पे थी अकेली,
मटका उठा के श्याम ने दीवाना बना दिया,
बंसी बजा के श्याम ने, दीवाना बना दिया,
अपना बना के श्याम ने, दीवाना बना दिया......
एक रात थी अंधेरी मेहलो मे थी अकेली,
पलका उठा के श्याम ने दीवाना बना दिया,
बंसी बजा के श्याम ने, दीवाना बना दिया,
अपना बना के श्याम ने, दीवाना बना दिया......
एक रात थी अंधेरी मंदिर मे थी अकेली,
दर्शन दिखा के श्याम ने दीवाना बना दिया,
बंसी बजा के श्याम ने, दीवाना बना दिया,
अपना बना के श्याम ने, दीवाना बना दिया……