राम लला है जन्मे देखो दसरथ के अंगना,
कौशलया मियां मुस्काये हसे राम ललना,
राम लला है जन्मे देखो दसरथ के अंगना,
राम चन्दर छवि चंद्र कैलाशी चौदह कला संग सम्पूर्ण लला जी,
हरी स्वयं ही झूल रहे है चंदन के पल न,
राम लला है जन्मे देखो दसरथ के अंगना,
स्वर्ण भून धुन जय हो जय हो,
राग द्वेष सब शह हो शह हो,
आ जा नो भुज संग तीन अनुज,
भरत शत्रु घन लखना,
राम लला है जन्मे देखो दसरथ के अंगना,
राम नाम की आ बा ऐसी साथो स्वर्ग की आभा जैसी,
राम सव्य ही राम को जाने दो अक्शर बलवान,
राम लला है जन्मे देखो दसरथ के अंगना,