हे पहाड़ो मेरी माँ को पुकारो मेरी माँ लभदी नही,
मेरी माँ लभदी नही मेरी माँ लभदी नही,
मेरी माँ लभदी नही मेरी माँ लभदी नही,
हे पहाड़ो मेरी माँ को पुकारो मेरी माँ लभदी नही....
सच्ची गल कहन्दे स्याने,
जिस तन लगीया ओह तन जाने,
सुक जाँदे जे रुख ओदे विच छाँ ना हुंदी,
ओदे कोलो पुछो जिदे कोलो माँ नही हुंदी,
हे पहाड़ो मेरी माँ को पुकारो मेरी माँ लभदी नही....
वक्त पवे हर कोई जे पासा वट जावे,
इक वारी हो सकदा ऐ रब वी हट जावे,
इको ऐहो बच्चेया तो परां नी हुंदी,
ओदे कोलो पुछो जिदे कोलो माँ नही हुंदी,
हे पहाड़ो मेरी माँ को पुकारो मेरी माँ लभदी नही....
घर गया तों हर खुशी नौछावर कर देंदी,
मंगे पुत कलेजा हथ विच धर देंदी,
जे मगंनी पै जे जान ऐस तो ना नी हुंदी,
हे पहाड़ो मेरी माँ को पुकारो मेरी माँ लभदी नही....
प्यार नाल जे घुट के सीने ला लैंदी,
दुनिया दे दुख सारे आप समा लैंदी,
माँ दे जेही तसल्ली चचंल तां नही हुंदी,
ओदे कोलो पुछो जिदे कोलो माँ नही हुंदी,
हे पहाड़ो मेरी माँ को पुकारो मेरी माँ लभदी नही......