(तर्ज़:- मेहंदीपुर मै बालाजी की)
बेरी आली मात भीमेश्वरी - कहै तनै दुनिया सारी
लाखों भगत तनै तारे मैया - इबकै सै मेरी बारी....
1) रोज रोज ना माँगू मैया - एकबै झोली भरदे तू
सारा कुनबा मौज करै माँ - इसा गुज़ारा कर दे तू
आज कोए इसा वर तू
खिल जा जीवन की फुलवारी....
2) कोठी बंगले ऊँचे दे दे - ऊँचे कारोबार री
लाल फरारी चाहे फोरचुनर - चाहे तू दे दे थार री
मेरी अर्ज़ी कर स्वीकार री
माँ तू जग की है महतारी....
3) मनै सुनी सै कुल की देवी - करै कदे भी निराश नहीं
अपने लाडले भगतां की माँ - कदे तोड़ती आस नहीं
तेरे बिना किसे पै विश्वास नहीं
कित हाथ फैलाऊँ रखवारी...
4) इन सब चीजां बिन सर ज्यागी पर - एक वादा करना होगा
याद करै जब शुभम लाड़ला - सिर पै हाथ धरना होगा
प्रिंस जैन कहै करना होगा
उपकार यो मैया प्यारी....