सारे देवों में कृष्णा गजब ढा गया,
मुझे मुरली वाला पसंद आ गया......
मैं देखू उसे वो ना देखे मुझे,
मैं मिलना भी चाहूँ मिले ना मुझे,
वो भक्ति का रोग लगा कर गया लगा कर गया,
मुझे मुरली वाला पसंद आ गया.....
जख्म इनने दिए मैं दिखा ना सकू,
दर्द इतने दिए मैं बता ना सकूं,
वो चुपके से आकर दवा दे गया दवा दे गया,
मुझे मुरली वाला पसंद आ गया......
मैंने दिल से बुलाया वो आया नही,
मैंने ध्यान लगाया वो आया तभी,
वो तो दर्श दिखा के चला जो गया चला जो गया,
मुझे मुरली वाला पसंद आ गया.....
तेरे दर्शन की मैं तो तबल दार हूँ,
तेरी पायल की मैं तो एक झंकार हूँ,
तेरा सब राग मुझको समझ आ गया समझ आ गया,
मुझे मुरली वाला पसंद आ गया......