विनती सुनो मेरी करुणाकर,
हे श्याम सुंदर हे करुणा कर.....
मीरा ने जैसे तुमको पाया,
प्याला ज़हर का अमृत बनाया,
वैसी ही कृपा तू हमपे कर,
हे श्याम सुंदर हे करुणा कर.....
द्रोपदी की जैसे लाज बचाया,
प्रह्लाद को जैसे रूप दिखाया,
वैसे नरसिंह का रूप तू धर,
हे श्याम सुंदर हे करुणा कर.....
गजराज कर जैसे फंद छुड़ाया,
अर्जुन का जैसे मोह मिटाया,
वैसा ही रूप दिखादे गिरधर,
हे श्याम सुंदर हे करुणा कर.....
गीतकार/गायक-राजेन्द्र प्रसाद सोनी