मुझको हरी आप मिलो कैसे,
कर्मों के लेख मिटे कैसे....
आकाश में उड़ने वाले को,
कब नीचे गिराओ पता नहीं,
हम तेरी नजर जाने कैसे, कर्मों के लेख मिटे कैसे.....
तुम इस बगिया के माली हो,
यह जग है बाग तुम्हारा प्रभु,
यह ज्ञान तेरा जाने कैसे, कर्मों के लेख मिटे कैसे.....
कहीं सूरज निकले कहीं चंदा,
कहीं अंधयारा कही उजियारा,
तेरी महिमा को जाने कैसे, कर्मों के लेख मिटे कैसे....
लाखों आए और चले गए,
आने-जाने का दौर यहां,
क्या होगा कल जाने कैसे, कर्मों के लेख मिटे कैसे.....