बलम तेरी एक ना मानूंगी भवन मैया के जाऊंगी....
जेब में एक नहीं धेला,
नार तोहै सूज रहो मेला,
मैं तगड़ी बेच कर जाऊंगी, भवन मैया के जाऊंगी.....
बहती बाण गंगा है वहा का पानी ठंडा है,
नार तोसे नाहायो ना जयगो,
मैं गोते खूब लगाऊंगी, भवन मैया के जाऊंगी....
वहां की कठिन चढ़ाई है,
नार तोसे चढ़ा ना उतरो जाए,
बैठ पिट्ठू पर जाऊंगी, भवन मैया के जाऊंगी....
वहां की गर्भ जून भारी,
नार तोसे बड़ौ ना निकलो जाए,
पेट बल सरक के जाऊंगी, भवन मैया के जाऊंगी.....
भवन पर भीड़ बड़ी भारी,
नार तोसे दर्शन ना होंगे,
मैं नारियल भेंट चढ़ाऊंगी, भवन मैया के जाऊंगी....
चैत के आए नवरात्रे,
नार हम दोनों ही जाएंगे,
मैं भक्तों के साथ में जाऊंगी, भवन मैया के जाऊंगी.....