तू कितनी दयालु लक्ष्मी माँ,
तेरे आगे जो झोली फैलाये माँ भरते है झोली माँ,
तू कितनी दयालु लक्ष्मी माँ,
पल में भर्ती है झोली माँ,
करे दीं हीं की रखवाली धन निर्धन को देने वाली,
तू सब पर दया करती है माँ,
जिस ने तुझे दिल से धाया उस के घर में भव आया माँ,
बन गया वो जग में बगभागि उस की सोइ किस्मत माँ जागी,
तू अपनी किरपा करती है माँ,
तू कितनी दयालु लक्ष्मी माँ,
तेरी ममता का माँ तो पार नहीं तुझबीण इस जग का सार नहीं,
जो श्रद्धा से पूजा करे तेरी तू मात लगाए ना देरी,
पल में दुःख हरती है माँ,
तू कितनी दयालु लक्ष्मी माँ,