सुनोजी सुनोजी,
सुनोजी सुनोजी,
सुनोजी सुनोजी,
सुनोजी सुनोजी,
नवदुर्गा के नाम दीवानो सुन लो बात हमारी,
सुनोजी सुनोजी,
सुनोजी सुनोजी,
सच्ची श्रद्धा मांग रही है जग की पालनहारी,
सुनोजी सुनोजी,
सुनोजी सुनोजी।
दुर्गा भवानी माँ का कर लो भजन,
निष्फल ना जायेगी रे साचि लगन,
बाल ना बांका होगा कभी,
निष्ठां से करते जाना माँ को नमन माँ माँ,
दुर्गा भवानी माँ का कर लो भजन,
निष्फल ना जायेगी रे साचि लगन,
बाल ना बांका होगा कभी,
निष्ठां से करते जाना माँ को नमन माँ माँ,
दुर्गा भवानी माँ का कर लो भजन,
निष्फल ना जायेगी रे साचि लगन,
सुनोजी सुनोजी,
सुनोजी सुनोजी।
जिसने अपने मन मंदिर में माँ की मुर्त धर ली,
उसने सुख के नवरत्नों से अपनी झोली भर ली,
सुनोजी सुनोजी,
सुनोजी सुनोजी,
सिद्ध भाव से जगजननी के दर की करे जो सेवा,
सब कष्टों से मुक्ति काहे उन्हें ही मिलता मेवा,
मन में ही करते जाना उसका मनन,
निष्फल ना जायेगी रे साचि लगन,
बाल ना बांका होगा कभी,
निष्ठां से करते जाना माँ को नमन जय माँ,
दुर्गा भवानी माँ का कर लो भजन,
निष्फल ना जायेगी रे साचि लगन,
सुनोजी सुनोजी,
सुनोजी सुनोजी।
माँ की ममता की छाव में जो प्राणी छुप जाये,
दुःख की कोई बला भी उसको आ के नहीं डराये,
सुनोजी सुनोजी,
सुनोजी सुनोजी,
दानव दल से देवताओ की जिसने की है रक्षा,
सच्ची मन से उसकी दया की तुम भी मांगो भिक्षा,
वो ही उद्धार देती वो ही पतन,
निष्फल ना जायेगी रे साचि लगन,
बाल ना बांका होगा कभी,
निष्ठां से करते जाना माँ को नमन जय माँ,
दुर्गा भवानी माँ का कर लो भजन,
निष्फल ना जायेगी रे साचि लगन,
बाल ना बांका होगा कभी,
निष्ठां से करते जाना माँ को नमन माँ माँ,
दुर्गा भवानी माँ का कर लो भजन,
निष्फल ना जायेगी रे साचि लगन,
सुनोजी सुनोजी,
सुनोजी सुनोजी........