जहां बॉके बिहारी ,बृषभानु दुलारी, यमुना तट और निधिवन,
यही है वृन्दावन यही है वृन्दावन प्यारा॥
बाँके बिहारी की लीला है न्यारी,वृन्दावन मे बाके बिहारी,
युगल शवि को निरख निरख के नाचे मेरा मन,
यही है वृन्दावन यही है वृन्दावन प्यारा॥
वृन्दावन में संत मिलेगे श्री राधा नाम के पंथ मिलेगे,
सेवा कुञ्ज और निधिवन में नाचे मेरा मन,
यही है वृन्दावन यही है वृन्दावन प्यारा
श्यामा प्यारी प्यारी जय जय श्री हरिदास दुलारी॥