तर्ज – मुझे प्यार की जिन्दगी देने वाले
मुझे अपना बना लो, हे दाता मेरे,
मैं तेरा हूँ, तेरा हूँ, मेरे विधाता।
तेरे सिवा मेरा कोई ना सहारा,
गले से लगा ले, मैं हू बेसहारा,
ना है, ना है कोई दुनिया में मेरा,
मैं तेरा हूँ.......
जिन्दगी का मेला है एक झमेला,
तेरा मेरा रिश्ता क्यों तू है भूला,
मैं हूँ एक तेरा और तू है मेरा,
मैं तेरा हूँ.......
तन में भी तुम हो, मन में भी तुम हो,
जहाँ भी मैं देखूँ वहाँ तुम ही तुम हो,
अपना बना लो..... जाऊँ कहाँ मैं,
मैं तेरा हूँ.......
नहीं भूल पाऊंगा दया दृष्टि तेरी,
जुबाँ पर रहेगी दास्ताँ तुम्हारी,
आँखों में तेरा नूर है समाया,
मैं तेरा हूँ.......
हजारो मिले पर अपना ना कोई समझे,
किस को समझाए,
कोई करा दो..... भव पार बेडा,
मैं तेरा हूँ.......