ज्योत जगती तेरे माँ भवन में,
मईया आया मैं तेरे शरण में.....
तेरी महिमा मईया निराली,
जगदम्बे तू अम्बे माँ काली,
अपने भक्तो तू दाती, देदो दर्शन,
मईया आया मैं बनके संवाली,
ज्योत जगती तेरे माँ भवन में,
मईया आया मैं तेरे शरण में.....
भवसागर में भटका हूँ मईया,
पार होने का मार्ग दिखा तू,
जग भक्ति की मईया, इच्छा है मन में,
मईया आया मैं बनके संवाली,
ज्योत जगती तेरे माँ भवन में,
मईया आया मैं तेरे शरण में.....