तेरा स्वरगा तो सोहना माये द्वारा
निराली तेरी शान दातिए
तेरा स्वरगा तो सोहन माये द्वारा,
झुल्दे दे ने झंडे जिथे मियां सुहे रंग दे,
लाल तेरी लाला दियां दाता जीतो मंग दे,
भर दिनी आ मुरादा नाल झोली तू ऐसी मियां भोली,
मैं करा की व्यान दातिये,
तेरा स्वरगा तो सोहना माये द्वारा
वारी वारी जावा जिहने भवन सजाया बनाया है,
फुला कलियाँ दे नाल सोहना माँ सजाया है,
पेय अम्ब्रा दा चन शरमावे तेरे ही गुण गावे तारीफ़ ने जहां दतिये,
तेरा स्वरगा तो सोहना माये द्वारा
ऊचे ने पहाड़ भावे विखडे ने पेंदे पा,
पोहंच जन्दे शाम जहे डिगदे ते ढटंढे माँ,
हाथ विच लेके छेने थड़ताला ते पाउंदे ने धमला,
तू लाल चुनी तान दतिये,
तेरा स्वरगा तो सोहना माये द्वारा