भर दो झोली मुरादों वाली,
इक जय माता दी बोल के,
खाली जाए.. ना कोई सवाली,
मईया बैठी भंडारे खोल के,
भर दो झोली मुरादों वाली,
इक जय माता दी बोल के......
मुख से निकले जय माता की,
मन ये शीतल हो जाए,
सुनने वाला भी आनंद से,
जय माता की दोहराये,
जो चाहे,, मांग लो माँ से,
जय माता की तुम बोल के,
भर दो झोली मुरादों वाली,
इक जय माता दी बोल के......
माँ बिराजे उस घर में जहाँ,
ज्योत माँ की रोज़ है जगती,
आनंद मंगल रहता उस घर में,
विपता पल में उस घर की टलती,
धन जीवन,, कर दो भक्तो,
इक जय माता की तुम बोल के,
भर दो झोली मुरादों वाली,
इक जय माता दी बोल के......
देवो ने भी तुझे ही पुकारा,
जब जब संकट है माँ आया,
दुष्टो से माँ तू ही बचाये,
तू तो सच्ची में है महामाया,
भक्तो के सब है काम बनते,
जय माता दी बस इक बोलके,
भर दो झोली मुरादों वाली,
इक जय माता दी बोल के......