मुझे रास आ गया है तेरे दर पे सर झुकाना,
तुझे मिल गया पुजारी मुझे मिल गया ठिकाना.....
सर को यहाँ झुका लो,
मुंह माँगा वर यहाँ पा लो,
यही है वो द्वार राधे रानी का,
सच्चा है दरबार राधे रानी का....
सच्चे मन से जो भी इनके चरणों में आ जायेगा,
पाप कटेंगे उसके बरसाने जो जायेगा,
राधे के दर्शन करलो,
तुम झोली अपनी भर लो,
यही है वो द्वार राधे रानी का,
सच्चा है दरबार राधे रानी का.....
यही है वो ज्योत जिसका जग में उजाला है,
भूलों को राह दिखाए राधे जी का द्वारा है,
मन की मुरादें पा लो,
गुणगान इनका गा लो,
यही है वो द्वार राधे रानी का,
सच्चा है दरबार राधे रानी का.....
यही है वो द्वार जो जग से निराला है,
चरणों का चाकर यहाँ नन्द जू का लाला है,
राधे के गुण तुम गा लो,
गोविन्द के दर्शन पा लो,
यही है वो द्वार राधे रानी का,
सच्चा है दरबार राधे रानी का.....