लूट के ले गया दिल जिगर, संवारा जादूगर।
संवारा मेरा संवारा, संवारा मेरा संवारा॥
मैं तो गयी भरने को यमुना से पानी,
देख छबि नटखट की हुई मैं दीवानी,
उसने मारी जो तिरछी नज़र, संवारा जादूगर।
तान सुनी बांसुरी की सुध बुध मैं खोई,
भूल गयी लोकलाज बस तेरी मैं होई,
छोड़ के तुझ को जाऊं किधर, संवारा जादूगर।
बाँध ली रमण तुझ से आशा की लडियां,
हैं यही तमन्ना शेष जीवन की घडिया,
तेरे चरणों में जाए गुजर, संवारा जादूगर।