मन सीताराम सीताराम रट रे,
थारा संकट जावे सब कट रे......
हिरणाकश्यप ने बहुत रिझायो,
प्रहलाद जी को बहुत सतायो,
आये नॄसिंह खम्भ गया फट रे,
मन सीताराम......
द्रोपदी दुष्टों ने घेरी,
हरि आये नही करी है देरी,
हरी चीर में भया प्रगट रे,
मन सीताराम......
राणे ने जहर भिजवायो,
मीरा कर चरणामृत लायो,
मीरा पी गई गट गट रे,
मन सीताराम......