खाटू का फागण त्यौहार जिसने देखा पहली बार,
श्याम धनी का वो दरबार जिसने देखा पहली बार,
श्याम दीवाना हो गया वो श्याम दीवाना हो गया…….
रींगस से खाटू नगरी तक श्याम ध्वजा लहराए,
जगह जगह से भक्त अनोखे दर्शन खातर आये,
खाटू का वो तोरण दवा जिसने पार किया एक बार,
श्याम दीवाना हो गया वो श्याम दीवाना हो गया.....
खाटू मंदिर के बहार वो प्रेमियों की टोली,
चंग बजाये रंग उड़ाए और मचाये होली,
दर्शन की वो लम्बी कतार जिसने देखी पहली बार,
श्याम दीवाना हो गया वो श्याम दीवाना हो गया….
मकराने की कोठी अंदर मुखड़ा सोना सोना,
धरती से अम्बर तक न कोई ऐसा रूप सलोना,
बागा संग नौ लक्खा हार जिनसे देखा वो श्रृंगार,
श्याम दीवाना हो गया वो श्याम दीवाना हो गया…….
खाटू जैसा धाम बताओ किसने और कहाँ देखा,
शिवम् ये जन्नत का नज़ारा ना देखा तो क्या देखा,
नम्रता से श्याम का द्वार जिसने कर लिया है स्वीकार,
श्याम दीवाना हो गया वो श्याम दीवाना हो गया.....