पार करो या नहीं करो ये मर्जी तुम्हारी है,
बाबा तेरे हाथो में ये लाज हमारी है,
जब भी कोई पड़े जरूरत तेरे दर पे आते,
तेरे चरणों में ही बाबा अपना शीश झुकाते,
मरते दम तक बोले गे हम शरण तुम्हारी है,
बाबा तेरे हाथो में ये लाज हमारी है,
बिना शर्म के तेरे आगे हम झोली फैलाते है,
दाना पानी हम तो बाबा तेरा दिया ही खाते है,
सुख से जीवन बीते बाबा दया तुम्हारी है,
बाबा तेरे हाथो में ये लाज हमारी है,
तेरी शरण में आकर बाबा कभी नहीं मैं रोया,
जब से तेरा मिला सहारा नींद चैन की सोया,
जितनी बची है सांसे योगी अब ये तुम्हारी है,
बाबा तेरे हाथो में ये लाज हमारी है,