इस सांवरिया के प्यार में कही पागल ना हो जाऊँ……..
काली रात देवकी नै जायो काली रात फेर गोकुल आयो,
उस काली रात नै देख के कही पागल ना हो जाऊँ,
इस सांवरिया के प्यार में कही पागल ना हो जाऊँ……..
काली नाग नाथ के लायो काली नाग पे वो खेल रचायो,
उस काली नाग नै देख के कही पागल ना हो जाऊँ,
इस सांवरिया के प्यार में कही पागल ना हो जाऊँ……..
वो काला उसकी गऊये काली नन्द की सारी बंसी काली,
उसकी बांसुरी की धुन नै सुन के कही पागल ना हो जाऊँ,
इस सांवरिया के प्यार में कही पागल ना हो जाऊँ……..
नरसी जी का भात भराया भात भरावन सिरसा आया,
मैं उसके प्यार के कही पागल ना हो जाऊँ,
इस सांवरिया के प्यार में कही पागल ना हो जाऊँ……