आओ गोपाल तरस रहे नैना,
तरस रहे नैना बरस रहे नैना,
होजा परदे से बाहर आ परदा नशी,
देख लू बस मेरा दिल बहल जायेगा,
रोते रोते ये पत्थर जिगर हो गया,
अब कशिश से तेरी फिर पिगल जाएगा,
सुन लो मेरी भी अपनी भी सुनाते चलो,
संवारे कुछ मधुर गीत गाते चलो,
श्याम हस हस के मुझको हसाते चलो,
वरना संकट में ये दिल देहल जायेगा,
श्याम आकर मेरा थाम लो इस घड़ी,
गहरी यमुना मेरा पग फिसल जाएगा,
धीरे धीरे चलो श्याम पइयां पडो