शम्भू मेरे, शंकर मेरे, कब होंगे दर्शन तेरे |
अखियन मे आस लेके, दर्शन की प्यास लेके,
आयीं हूँ मै द्वार तेरे ||
धूनी रमाये, समाधी लगाये गंगा किनारे बैठा है तू |
भंग चड़ाए भसम लगाये मरघट पे लेता है तू |
हो के मगन मै गाऊं गुण तेरे ||
तेरे चरण मे, तेरी शरण मे, आये है हम शंकर |
भक्ति का ज्ञान दे, मुक्ति का दान दे, हम को हे शिव शुबंकर |
तन मन हमारा अर्पण तेरे ||