श्यामा श्याम सलोनी सूरत को श्रृंगार बसंती है,
किशोरी श्याम सलोनी सूरत को श्रृंगार बसंती है……….
मोर मुकुट की लटक बसंती
चंद्रकला की चटक बसंती,
मुख मुरली की मटक बसंती,
सिर पै पैंच श्रवण-कुंडल छविदार बसंती है,
श्यामा श्याम.....
माथे चन्दन लसियो बसंती,
पट पीताम्बर कसियो बसंती,
पहना बाजूबंद बसंती,
गुंजमाल गल सोहै फूलनहार बसंती है,
श्यामा श्याम.....
कनक कडूला हस्त बसंती,
चले चाल अलमस्त बसंती,
रुनक-झुनक पग नूपुर की झनकार बसंती है,
श्यामा श्याम.....
संग ग्वाल को गोलन बसंती,
बोल रहे हैं बोल बसंती,
सब सखियन में राधे जी सरदार बसंती हैं,
श्यामा श्याम.....