दाता तेरा जवाब नहीं संसार में,
देखा मैंने सबको तेरे दरबार में,
सबको के दिल में है तू रमता हर एक सांसो में,
छुपा है सब कुछ दाता विश्वासों में,
पाया है मैंने दोनों जहान तेरे प्यार में,
दाता तेरा जवाब नहीं संसार में.....
तेरे लिए हु मैं जिन्दा इस जमाने में,
रखा है कुछ भी नही जग के इस फ़साने में,
मारा जो फिर रहा हु जूठे बाज़ार में,
दाता तेरा जवाब नहीं संसार में..
रखो शरण में प्रभु अपने तेरा दस हु मैं,
तेरी ही किरपा का दाता तलब गार हु मैं,
अब तो दरस दो मेरे प्रभु साकार में,
दाता तेरा जवाब नहीं संसार में