हे राम मेरे राम, हे राम मेरे राम,
हे राम मेरे राम, हे राम मेरे राम,
सत्य जगत बस राम का नाम,
हे राम मेरे राम, हे राम मेरे राम...
कहाँ लखनु कहँ राम सनेही,
कहँ प्रिय पुत्रबधू बैदेही,
बिलपत बिकल अवधपति धाम,
हे राम मेरे राम,हे राम मेरे राम...
हा रघुनन्दन प्राण पिरीते,
तुम्ह बिनु जिअत बहुत दिन बीते,
तुम्हरे बिनु जीवन धिग राम,
हे राम मेरे राम,हे राम मेरे राम....
हा जानकी लखन हा रघुबर,
हा पितु हित चित चातक जलधर,
रघुपति बिरह चहुँ सुरधाम,
हे राम मेरे राम,हे राम मेरे राम,
हे राम मेरे राम, हे राम मेरे राम.....
रचना आभार: ज्योति नारायण पाठक
वाराणसी