करुणा निधान सांवरे करुणा दिखाइये,
लचार इस गरीब की नैय्या चलायिए,
करुणा निधान सांवरे करुणा दिखाइये....
बेबस बहुत अधीन हूं कैसे गुजर करू,
कबतक में ऐसे हाल में भगवान सबर करू,
थोडा तरस तो दीन की हालत पे किजिये,
करुणा निधान सांवरे करुणा दिखाइये.....
चादर फटी है लाज की उसको छुपा रहा,
गम खाकर आसु को पी जीवन चला रहा,
सोया है क्यों नसीब ये प्रभु इनको जगायिए,
करुणा निधान सांवरे करुणा दिखाइये.....
माना के दोष है कर्म का जो दिन ये आए हैं,
तुमने लिखे नसीब के पल में मिटाए हैं,
पंकज की और सावरे नजरे घुमाई,
करुणा निधान सांवरे करुणा दिखाइये.....