एक बार हमसे साँवरे नजरे मिलाइये,
नजरे मिलके श्याम जरा मुस्कुराइए।।
नजरे हमारी आपकी चौखट पे है अड़ी,
फिर भी निहारे राह बिचारी खड़ी खड़ी,
नजरो पर कर रहम इन्हे अब ना सताइये।।
दिल को तो हमने आपके चरणों में रख दिया,
दुनिया हमारी आप है इतना समझ लिया,
अब आप अपने हाथ से इसको सजाइये।।
ये जान कर भी आप यहीं आस पास है,
फिर भी समझ ना आवे ये दिल क्यों उदास है,
जज्बात दिल के जान जरा पास आइये।।
प्रहलाद सा बनूँ प्रभु हनुमत सी शक्ति हो,
गाउँ भजन मैं झूम के मीरा सी मस्ती हो,
‘नन्दू’ गले से अपने मुझको लगाइये।।
एक बार हमसे साँवरे नजरे मिलाइये,
नजरे मिलके श्याम जरा मुस्कुराइए।।