तेरा ही दिया जीवन तुझपे ही लुटाना है,
जो कुछ भी दिया तुमने उसका शुक्राना है,
क्या लेकर आये थे क्या लेकर जायेंगे
राजा हो रंक सभी इक दिन मर जायेंगे
तेरी इस दुनिया में कुछ वक़्त बिताना है
जो कुछ भी दिया तुमने उसका शुक्राना है
ये वक़्त कका पहिया है चलता ही जाता है
हम सब तेरे पुतले हैं हमें तू ही नाचता है
ये भाव भजन तुमसे मिलने का बहाना है
जो कुछ भी दिया तुमने उसका शुक्राना है
तन की सुंदरता पे इतना इतराते हैं
मन मैला है कितना ये देख ना पाते हैं
बनकर के राख प्रभु इक दूँ उड़ जाना है
जो कुछ भी दिया तुमने उसका शुक्राना है
रोमी की अर्ज़ी पे तेरी मर्ज़ी हो जाए
तुझसे हो मिलान प्यारे तुझ में ही खो जाएँ
तुमसे दो बातों का मुझे वक़्त चुराना है
जो कुछ भी दिया तुमने उसका शुक्राना है
तेरा ही दिया जीवन तुझपे ही लुटाना है