जगदम्बिके जय जय जगजननी माँ....
हे माँ ......हे माँ..... हे माँ ......हे माँ.....
जगदम्बिके जय जय जगजननी माँ,
हे माँ .........हे माँ .... हे माँ........हे माँ.....
श्री राम तू ही श्री कृष्ण तू ही,
श्री राम तू ही श्री कृष्ण तू ही,
दुर्गा काली श्री राधे तू ही,
हे मँ ........हे माँ ....हे माँ........
ब्रहमा विष्णु शकंर में तेरा माँ तेज समाया है,
जगदम्बिके जय जय जगजननी माँ,
जगदम्बिके जय जय जगजननी माँ,
हे माँ ...हे माँ ........ हे माँ...हे माँ,
जगदम्बिके जय जय जगजननी माँ....
मै जो पांऊ तुम से पांऊ, मै जो पांऊ तुम से पांऊ,
जो देंवे उसमे हरशाउँ कुछ रहे ना मेरा अपनापन,
है हर वक्त तेरा ही साया है,
जगदम्बिके जय जय जगजननी माँ,
हे माँ ...हे माँ ........ हे माँ...हे माँ,
जगदम्बिके जय जय जगजननी माँ......
क्या सोहणा रूप सुहाया है क्या सोहणा रूप सुहाया है
मै वारू तुझ पे तन मन माँ मेरे मन को ये भाया है
जगदम्बिके जय जय जगजननी माँ
हे माँ ...हे माँ ........ हे माँ...हे माँ,
जगदम्बिके जय जय जगजननी माँ.....