चलो मम्मी चलो पापा चलो मम्मी चलो पापा,
चलो मम्मी चलो इक बार ले चलो,
हमें ज्योता वाली के दरबार ले चलो,
चलो पापा चलो इक बार ले चलो,
हमें ज्योता वाली के दरबार ले चलो,
देखना है हमें भी जवाला माँ का खेल रे,
ज्योत जगे जिसकी बिना बाटी बिना तेल रे,
झुकता है जहा संसार ले चलो,
हमें ज्योता वाली के दरबार ले चलो....
दिखला दो जगह जहा ध्यानु भक्त आया था,
शीश जिसने काट माँ के चरणो में चढ़ाया,
हुए जहा माँ के चमत्कार ले चलो,
हमें ज्योता वाली के दरबार ले चलो..
कैसा राजा अकबर का वो छतर निराला है,
कैसे ताम्बे लोहे के जिनसे निकली ज्वाला है,
बहती है जहा जल की धार ले चलो,
हमें ज्योता वाली के दरबार ले चलो...
दर्शन गोरखनाथ जी की टिब्बी का भी पाना है,
हमें अर्जुन नागा वाले मंदिर में भी जाना है,
निर्दोष पूजा के कुछ हार ले चलो,
हमें ज्योता वाली के दरबार ले चलो..