बांसुरी बजा के जगाया,
श्याम तू मेरे सपनों में आया,
सांवरा तू बड़ा वो है जालिमा तू बड़ा वो है.....
कभी पनघट पर बाजे कभी बंसीवट बाजे,
तेरी बंसी की धुन सारे ब्रज में बाजे, हो सारे ब्रज में बाजे,
तेरी बंसी ने जादू चलाया, सांवरा तू बड़ा वो है.....
तुझे मैं देखूं इधर तू काहे आया उधर,
तू तो कहता कि मैं तो भूल आया डगर, हो भूल आया डगर,
तूने कैसा बहाना बनाया, सांवरा तू बड़ा वो है.....
रात को सोई थी मैं सपनों में खोई थी मैं,
नींद टूटी मेरी तो बड़ा रोई थी मैं, हो बड़ा रोई थी मैं,
मेरे रोने पर तू मुस्कुराया, सांवरा तू बड़ा वो है.....
तेरी बंसी की यह धुन जब जब बाजे मोहन,
सारी सखियों के दिल को चुराए मोहन, हो चुराए मोहन,
तूने राधा के दिल को जलाया, सांवरा तू बड़ा वो है.....