कीर्तन में प्रभु आये हैं
आये हैं श्याम आये हैं
श्री श्याम के दर्शन पाइये
और जय जैकार लगाइये
कितना सुन्दर सजा श्याम दरबार
दो नैनो से बरस रहा है प्यार
आनंद ही आनंद ही प्रभु का यहाँ प्रबंध है
कैसे ये निराले ठाठ हैं
आये जग के सम्राट हैं
श्याम धनि की लीला बड़ी महँ
प्रेमी करते महिमा का गुणगान
कोई नाचते कोई झूमते
कोई चरण को चूमते
कोई झोली खड़ा पसार के
कोई आया जग से हार के
अपने अपने भावों की है बात
किसी को दर्शन होते हैं साक्षात्
कोई पास है कोई दूर है
मुझ पर कृपा भरपूर है
कहीं प्रेम का झरना टूट रहा
कोई मौज प्रभु की लूट रहा
जिसे ढूंढने भटक रहा इंसान
कीर्तन में मिल जाते हैं भगवन
पूनम अगर सच्ची लगन
मिल जायँगे तुझको साजन
बिन्नू जो भी रम जाएगा
वो श्याम के दर्शन पायेगा
कीर्तन में प्रभु आएं हैं........