( राम नाम रटते रहो,
जब तक घट में प्राण,
कभी तो दिन दयाल के,
भनक पड़ेगी कान॥ )
माला रो मणियों भजन वाली डोरी,
आचा घरो में पोयो जमारो,
माया जाल में खोयो,
माला रो मणियों भजन वाली डोरी......
सत री संगत में कद ही न आयो,
हरी रे भजन में कद ही न आयो,
ऊपर वाड़ी जोयो जमारो,
माया जाल में खोयो,
माला रो मणियों भजन वाली डोरी......
अलिये गलिये फिरे रे भटकतो,
मुंडो काच में जोयो जमारो,
माया जाल में खोयो,
माला रो मणियों भजन वाली डोरी......
गई रे जवानी आयो रे बुढ़ापो,
धोला देख ने रोयो जमारो,
माया जाल में खोयो,
माला रो मणियों भजन वाली डोरी......
कहत कबीर सुणो भई साधो,
कई संसार में मोयो जमारो,
माया जाल में खोयो,
माला रो मणियों भजन वाली डोरी......