जिंदगी एक किराए का घर है,
एक ना एक दिन तो जाना पड़ेगा॥
मौत जब तुझको आवाज देगी,
घर से बाहर निकलना पड़ेगा॥
रूठ जाएंगे जब तुझसे दुनिया,
गम के सांचे में ढलना पड़ेगा,
वक्त ऐसा भी आएगा नादान,
तुझको कांटों पे चलना पड़ेगा,
जिंदगी एक किराए का घर है.....
तेरे जितने भी भाई भतीजे,
तेरे साथी हैं सब जीते जीते,
अपने आंगन से उठना पड़ेगा,
अपनी चौखट से जाना पड़ेगा,
जिंदगी एक किराए का घर है.....
है अगर तुमको इंसान बनना,
मन लगाकर मेरी बात सुनना,
छोड़नी होगी हर एक बुराई,
ख्वाहिशों को कुचलना पड़ेगा,
जिंदगी एक किराए का घर है.....