सारा योगी बने संसार, जगत में कोई ना हो बीमार,
योग का हो विस्तार, जीवन सारा तर जाएगा....
क्लेशों की गठरी ने मन को था घेरा,
आठों घड़ी अब है योग का पहरा,
मेरा होनें लगा उद्धार, जीवन सारा तर जाएगा,
सारा योगी बने संसार.....
समता है यही योग का गहना,
इसको है जिसने भी पहना,
नहीं लागे कोई हार, जीवन सारा तर जाएगा,
सारा योगी बने संसार.....
सम्यक सेवन मन शुद्ध अपना,
निरोगी काया मन ॐ जपना,
है योग का ये ही सार, जीवन सारा तर जाएगा,
सारा योगी बने संसार.....
पूज्या साध्वी देवस्वधा जी