म्हारे मनडा रो......
म्हारे मनडा रो बोले मोर , बोले जय बाबोसा
जयकारा है चहु ओर , जय श्री बाबोसा
है दुख भंजन , छगनी नन्दन , धाम है चुरू नगरियाँ ,
म्हारे मनडा रे बोले मोर .....
कलयुग के हो देव तुम्ही , हम करते भाव से वंदन है,
कलयुग के हो देव तुम्ही , हम करते भाव से वंदन है.
तेरे दर्शन से सुख चैन मिले , मेरी सांसो में तेरा सुमिरन है,
तेरे नाम पे लिख दी हमने , अब ये सारी उमरियाँ,
म्हारे मनडा रो ....
जो तेरी शरण मे आता है , वो बिन बोले सब पाता है.
जो तेरी शरण मे आता है , वो बिन बोले सब पाता है
तुमसे मिलकर ऐसा लगता , मानो जन्मोजनम का नाता है,
पार करे भक्तो की नैया , बनकर तू ही खिवैया
म्हारे मनडा रो ....
देखके तेरे चमत्कार , ये दुनिया हुई दीवानी है
दिलबर तेरी महिमा को में, कैसे कहु जुबानी है
वैष्णवी चाहे छुटे जमाना , छूटे ना तेरी दुवरिया
म्हारे मनडा रे बोले मोर ....
✍️ रचनाकार ✍️
दिलीपसिंह सिसोदिया
❤️ दिलबर ❤️
नागदा जक्शन म.प्र.