मईया जी तेरे मंदिर की देखी शान निराली,
तू ही दुर्गे तू ही काली, तू ही शेरो वाली......
जो मईया तेरे दर पे आवे, खाली ना वो जावे,
मन में इक उम्मीद लिए मां द्वार तुम्हारे आवे,
ज्योत जलावे गुण तेरे गावे, मां भरदे झोली खाली,
मईया जी तेरे मंदिर की देखी शान निराली........
मां मुझे इक लाल तू देदे,
भरती फिरू तवाई, सास ननद री मेरी मईया मैं तो बांझ बताई,
दर दर की मैने ठोकर खाई, मां तुमसे आस लगाई,
मईया जी तेरे मंदिर की देखी शान निराली........
तू ही मंशा तू ही चंडी शाकुंबरी कहलाई,
तेरे नाम की महिमा मईया वेदों में बतलाई,
अकबर बादशाह ने मईया तेरी ज्योत जलाई,
मईया जी तेरे मंदिर की देखी शान निराली........
सब भगतो के कष्ट हरो मां तेरा ध्यान लगावे,
गढ़ी सबलू का अजब बैसला द्वार तुम्हारे आवे,
जोत जलावे गुण तेरे गावे, मां दिल में तू ही बसाई,
मईया जी तेरे मंदिर की देखी शान निराली........