मेरे कृष्ण मुरारी आ देर ना कर गिरधारी आ......
भक्त प्रह्लाद ने तुम्हें पुकारा,
हिरणाकुश को पल में मारा,
शबरी क़े प्रभु मान रखे थे,
झूठे झूठे बेर थे चखें थे,
मेरी सूध आजा ले जा,
देर न कर गिरधारी.....
अभिलाषा जो ध्रुव ने किन्ही,
उच्चसन प्रभु तुमने दिनी,
नार अहिल्या तुमने तारी,
जय हो जय हो कृष्ण मुरारी,
आजा रे अब आजा आ,
देर ना कर गिरधारी.....
द्रुपद सुता ने तुम्हें बुलाया,
तुमने आकर जी चीर बढ़ाया,
दूर करो सब कष्ट हमारे,
जय हो मां यशोदा के प्यारे,
आजा रे अब आजा आ.....