कहीं देखा री ब्रिज में मुरली का बजाने वाला...-2
एक दिना मैं गई मथुरा में,
शोर सुना मैंने गली गली में,
मिला कंस मारने वाला मुरली का बजाने वाला.....
एक दिना मैं गई गोकुल में,
कान्हा झूल रहे पलना में,
मिला माखन चुराने वाला मुरली का बजाने वाला.....
एक दिना मैं गई वृंदावन में,
कान्हा घूमे गली गली में,
मिला रास रचाने वाला मुरली का बजाने वाला.....
एक दिना मैं गई जमुना पर,
कान्हा बैठो कदम डाल पर,
मिला चीर चुराने वाला मुरली का बजाने वाला.....
एक दिना मैं गई मधुबन में,
कान्हा घूम रहा री जंगल में,
मिला गाय चराने वाला मुरली का बजाने वाला.....
एक दिना मैं गई मंदिर में,
कान्हा बैठा है री मूरत में,
मिला जगत तारने वाला मुरली का बजाने वाला.....
एक दिना मैं गई सत्संग में,
वो बैठा भक्तों के बीच में,
मिला दर्शन देने वाला मुरली का बजाने वाला.....