तेरे इश्क़ का कैसा है खुमार रे मैं तो चाहु बस तेरा ही दीदार वे,
होली कैसे मनाऊ सजना रंग तेरे प्यार का चढ़ा दूजा रंग नहीं भाये साजना,
तू रहता काश मेरे आस पास मैं और स्वर जाती,
मेरे अंग अंग में चढ़ता रंग कुछ और निखर जाती,
बिन सजना मेरा सजना अब है किस काम का,
ये रंगो का मौसम बस है तो है बस नाम का,
हाल किसको बताओ सजना रंग तेरे प्यार का चढ़ा दूजा रंग नहीं भाये सजना,
होली कैसे मनाऊ सजना रंग तेरे प्यार का चढ़ा दूजा रंग नहीं भाये साजना,
सो है सवाल तू आ संभाल मैं अधूरी तेरे बिन,
मुझे कर दे लाल मलदे गुलाल यही चाहु रात दिन,
मेरी आहे निगहाए तुझे ढूंढे हर जगह
तड़पाओ न ऐसे अब मुझको बेवजह,
नैना किस से लडाऊ सजना,रंग तेरे प्यार का चढ़ा दूजा रंग न भाये सजना,
होली कैसे मनाऊ सजना रंग तेरे प्यार का चढ़ा दूजा रंग नहीं भाये साजना,