कोई जाए जो वृन्दावन, मेरा पैगाम ले जाना
मैं खुद तो आ नहीं सकता, मेरा प्रणाम ले जाना
यह कहना मुरली वाले से, तुम अब कब बुलाओगे
पड़े जो जाल माया के, उन्हें तुम कब छुड़ाओगे
मेरा जो हाल पूछें तो मेरे आंसू बता देना
कोई जाए जो वृन्दावन....
जो रातें जाग कर देखे, मेरे सब ख्वाब ले जाना
मेरे आंसू तड़प मेरी, मेरे सब भाव ले जाना
ना ले जाओ अगर मुझको मेरा सामन ले जाना
कोई जाए जो वृन्दावन....
जब उनके सामने जाओ, तो उनको देखते रहना
मेरा जो हाल पूछे तो जुबां से कुछ नहीं कहना
बहा देना कुछ एक आंसू मेरी पहचान ले जाना
कोई जाए जो वृन्दावन....